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Wednesday, September 18, 2013

बस कुछ ऐसा तू कर जा

ये मेरे दिल को क्या हो गया,
ये मेरा मन कहा रह गया,
दीवारे पूछती है अक्सर,
ये आखिर तुझको क्या हो गया...........
क्यों डरने खुद से तू है लगा,
पीछे क्यों तू किसके पड़ा,
तू खुद है खुद् का रास्ता,
क्यों खुद से तू है छीपने लगा..............
चल निकल परदे से बाहर,
छोड़कर गुघट का दामन,
याद रख ऊचाई आसमा की,
तू उड़ तो पंख फैला कर..........
रंगों में तू रंगजा,
वादी में तू यु घुलजा,
बन जाये फ़साना अपना भी,
बस कुछ ऐसा तू कर जा................
बस कुछ ऐसा तू कर जा.......... 

Thursday, September 12, 2013

मत पूछो रात कटती कैसे है दोस्तों ,
सुनसान रास्तो पर अंधेरा बोलता है |

Friday, August 9, 2013

क्या हो सकता है ऐसा.......

क्या हो सकता है ऐसा.......
कि तुम छोड आओ कुछ रिश्तों को मेरे लिये,,
क्या मुमकिन है ये भी........
कि तुम तोड़ आओ कुछ वादों को हमेशा के लिये,,
क्या तुम कह सकती हो कि है ये बेवजहा...........
कुछ रस्मों- रिवाजो को,
बशर्ते मै आवाज दू तुम्हे..............
और तुम चली आओ मेरे लिये,
पर हो सकता है क्या ऐसा भी...........
कि तुम शुरुवात करो खुद से ही,
क्यूकि डरता हू मै.........
कही लफ्ज़ मेरे छोड ना दे मुझे,
तुम भले ही मानो........
खुदगर्ज़ या फिर डरपोक प्रेमी मुझको,
 या ये भी कह दो............
कि कद्र नही मुझे प्यार की,
मगर यकीन मेरा और मेरी मोहब्बत का करना,
मै बना लू तुमको अपना और छुपा लू दुनिया से........
बस मेरा सपना यही.................
क्या हो सकता है ऐसा भी,
कि तुम बदल लो अपने रास्ते मेरे लिये,
क्या मुमकिन है ये भी............
कि तुम याद करो मुझे एक बार आजमाने के लिये |
कि तुम याद करो मुझे एक बार आजमाने के लिये |

Monday, August 5, 2013

ना दोस्ती का......ना प्यार का.....
अगर कुछ है इन दोनों के बीच में...............
वो रिश्ता है तेरे और मेरे बीच में...............

Tuesday, July 9, 2013

बुनाई-ए-शब्द

बहुत तहजीब से करनी पड़ती है बुनाई शब्दों की ए-दोस्तों |
मै "चन्द्रशेखर" बुनता हू कहानियों को कविताओं में ||

Saturday, July 6, 2013

शाम जो फिर बढने लगी

शाम जो फिर बढने लगी,,,
दर्द ए आवाज दिल की बढने लगी |
ली सूरज ने भी अगड़ाईयां,
चांदनी फिर बिखरने लगी |
फिर साँस थमी.......फिर आग लगी,
फिर नाम मिला......फिर शोहरत मिली |
फिर सपनो से जो मैं जागा.........
ना तुम मिली.......बस याद मिली |